रमजान नजदीक है. ऐसे में बंगाल इमाम एसोसिएशन ने एक एडवाइजरी जारी कर मुस्लिम धर्म मानने सभी लोगों से कहा है कि वे ‘लैलतुल बारात’ (शब-ए-बारात) के लिए घरों से बाहर न निकलें. शब-ए-बारात के 15 दिन बाद ही रमजान का मुकद्दस महीना शुरू होता है.
केंद्र और राज्य सरकार ने कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के निर्देश दे रखे हैं. साथ ही लोगों से किसी जगह एकत्र नहीं होने के लिए कहा गया है. बंगाल में करीब 35,000 मस्जिदें हैं. लॉकडाउन से पहले इन मस्जिदों में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने जाते थे. लॉकडाउन लागू होने के बाद मस्जिदों से जुड़े सिर्फ इमाम या चंद ही लोग वहां नमाज पढते हैं.
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बंगाल इमाम एसोसिएशन की अगुआई करने वाले सैद मो. याहिया ने कहा, “सभी मस्जिदों में सिर्फ 3 से 5 लोग अजान के बाद नमाज अदा कर रहे हैं. एक इमाम अगुआई करते हैं और 3 से 5 लोग साथ रहते हैं.” सैद मो. याहिया ने आगे कहा, “हालांकि लैलतुल बारात से बहुत सी भावनाएं जुड़ी हैं, लेकिन जिस तरह की मौजूदा स्थिति है, उसमें सभी से गुजारिश है कि नियमों का पालन करे और लॉकडाउन में घरों पर ही रहें. किसी जुलूस या आयोजन के लिए कहीं जमा न हों.”